NRHM के निदेशक आईएएस समित शर्मा फिर सुर्खियों में हैं. समित ने अपने विभाग के निदेशक कैबिन के बाहर के दरवाजे को पारदर्शी बना दिया है. वहां लकड़ी का गेट लगा था, जो अब कांच का लगा दिया गया है. कारण ये कि बाहर आने वाले को पता रहे अंदर क्या हो रहा है. साथ ही अंदर बैठे समित जान सकें, कि बाहर ज्यादा लोग तो नहीं. ताकि जल्दी से उनसे मिला जा सके. समित ने इसी विभाग के अपने पिछले टैन्यौर में भी कुछ ऐसा ही प्रयोग किया था. पिछली कांग्रेस सरकार में जब डॉ. समित शर्मा विभाग के मुखिया थे तब उन्होंने हमेशा अपना दरवाजा खुला रखने का विकल्प अपनाया था. साथ ही उनके गेट के बाहर आम आदमी के लिए मिलने का समय भी अंकित था.
उस दरमियान समित के प्रयासों से ही जैनरिक दवा के इस्तेमाल, मुफ्त दवा योजना की थीम राजस्थान सरकार ने अपनाई थी. डॉ समित शर्मा आईएएस बनने के बाद जहां भी कलक्टर रहे, एक से एक नए प्रयोग किए. डॉक्टर बनने के बाद चिकित्सक रहते हुए उन्होंने आईएएस की तैयारी कर देश की सर्वोच्च सेवा में प्रवेश पाया था. ऐसे अफसरों का हमारा सलाम.

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